मनेन्द्रगढ़

बड़े जनप्रतिनिधि इसे अवश्य पढ़े और समझे की बात सही है की गलत बड़ा पद पाकर कार्यकर्ताओं को भूल जाते आचार संहिता लगने के बाद कार्यकर्ताओं की मन की बात

मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिला एक कार्यकर्त्ता अपने अपने मन की बात नेता, तक जनप्रतिनिधि,के लिए सर्वत्र समर्पण कर देते हैं। परिवार, समाज, जात-धर्म सब कुछ भूल कर अपने नेता के लिए दर दर जा कर वोट माँगते हैं, लोगों को विश्वास जता कर उस नेता का पक्ष रखते हैं। वही नेता जब जीत कर सत्ता की कुर्सी हासिल कर लेतें हैं तो अपने उस कार्यकर्ता को भूल जाते हैं, चुनाव के पहले नेता अपने कार्यकर्ता को जो वादा किए थे वोभूल जाते हैं, चुनाव से पहले दिन रात फोन लगाते हैं चुनाव के बाद,फोन लगाना भी भूल जाते हैं, कुछ ऐसे भी नेता जनप्रतिनिधि ,है जो चुनाव जीतने के बाद बोलते हैं हम अपने दम पर जीते हैं,और तो और अपने कुछ खास समर्थक को चुनाव जीतने के बाद विवादित तक घोषित कर देते हैं, ऐसे नेता के इस तरह के व्यवहार से कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटना लाजिमी है। पता नहीं कि वो क्यों भूल जाते हैं इन्हीं कार्यकर्त्ताओं की वजह से किसी पद पर है

Rafeek Memon

संपादक, इंडियन जागरण

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