कोरिया

बैकुण्ठपुर,मौसम का बदला मिजाज छत्तीसगढ़ में सबसे ठंडा जिला कोरिया

कोरिया जिला,बैकुण्ठपुर 28 नवम्बर ठंड का मौसम आ चुका है पर ठंड में थोड़ी देरी देखी जा रही थी पर अचानक मौसम के बदले मिजाज ने ठंड अधिक पढ़ने की संभावना बढ़ा दी है, बे मौसम बारिश ने किसानों की भी चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि धान की तैयार फसल कहीं कट के खेतो में पढ़ा है तो कहीं खेतों में खड़ा है पर अचानक मौसम बदलने से किसान जल्दी-जल्दी कटाई कर रहे हैं और काट के तुरंत बारिश से बचने तुरंत सुरक्षित जगह पर ले जाने का प्रयास कर रहे हैं, किसान नहीं चाह रहे हैं कि उनका तैयार धान की फसल खराब हो जाए, वही जिले में ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। वैसे नवंबर महीने से ठंड की शुरुआत मानी जाती है लेकिन अंतिम महीने यानी की 28 नवंबर तक जिले का न्यूनतम तापमान 11 डिग्री तक पहुंच चुका है। वहीं दिन का तापमान 26 डिग्री के आसपास बना हुआ है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक अब तीन से चार दिन ऐसा ही मौसम रहेगा।
पश्चिमी विक्षोभ के असर से जिले में मंगलवार सुबह 9 बजे से हल्की बारिश हो रही है। बारिश से ठंड का असर तेज हो गया। बाजार में गरम कपड़ों की बिक्री तेज हो गई है। मंगलवार को जिले के न्यूनतम तापमान में दो डिग्री और गिरावट की गई है। दो दिन पहले जिले में न्यनूतम तापमान 10 डिग्री दर्ज किया गया है।प्रदेश में उत्तर दिशा से आने वाली ठंडी बर्फीली हवा अपना असर दिखा रही है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार आगे बादल छंटने के बाद ठंड का असर तेज होगा। सरगुजा संभाग के अधिकांश जिलों में न्यूनतम तापमान 15 डिग्री के आसपास है। वनांचल बलरामपुर में तापमान 14 पहुंच गया है। जबकि कोरिया व एम.सी.बी. जिले में तापमान 11 डिग्री तक दर्ज किया जा रहा है। शाम ढलते ही ठंड का असर तेज हो रहा है। ओस की बूंदे और कोहरा छाने लगी है। मौसम विज्ञान विभाग का कहना है बीते दो दिन से जिले में मौसम ऐसा ही बने रहने का अनुमान है। बारिश से खेत खलिहान में रखे धान की फसल को नुकसान होने का अनुमान है। बारिश से खरीदी केंद्रों में खुले में रखे धान की फसल को भी नुकसान पहुंच सकता है।
बारिश के बाद ठंड बढ़ने का अनुमान
कृषि मौसम वैज्ञानिक पीआर बोबड़े पवार ने कहा कि जिले का न्यूनतम तापमान 11 डिग्री तक पहुंच चुका है। बारिश के बाद आगे ठंड बढ़ने का अनुमान है। बादल छंटने के साथ ठंड का असर तेज होगा। तापमान में गिरावट हो सकती है इससे सर्दी असर अब तेज होगा। धान की फसल को नुकसान होने की संभावना है।

Rafeek Memon

संपादक, इंडियन जागरण

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