पतंजलि योग समिति के द्वारा”हमारे राम ” पर संगोष्ठी का हुआ आयोजन
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मनेद्रगढ़। जिला एम,सी,बीश्री राम जन्मभूमि मंदिर की स्थापना से भारत के आध्यात्मिकता का जागरण हुआ है , सादियों के प्रतिक्षा के बाद राम जी के अलौकिक प्रभावों से समूचा विश्व आनंदित है – उक्ताशय के विचार पतंजलि योग समिति जिला द्वारा श्री राम मंदिर निर्माण एवं रामलला प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर , तुलसी मानस प्रतिष्ठान के अध्यक्ष परमेश्वर सिंह व्यक्त कर रहे थे। सरस्वती शिशु मंदिर के योग स्थल प्रांगण में आयोजित इस आध्यात्मिक सत्संग एवं संगोष्ठी में पतंजलि योग समिति के वरिष्ठ संरक्षक, एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नगर कार्यवाहक संचालक ठाकुर प्रसाद केसरी , एवं मुख्य वक्ता नारायण प्रसाद तिवारी, श्रीमती नीलम दुबे, विष्णु प्रसाद कोरी, सतीश उपाध्याय, सुनीता मिश्रा, ने , श्री राम जन्मभूमि को सनातन आस्था एवं विश्वास का प्रतीक बताते हुए रामायण कालीन विभिन्न प्रसंगों का विस्तार से व्याख्यान दिया। तुलसी मानस प्रतिष्ठा के सचिव एवं ओजस्वी वक्ता नारायण प्रसाद तिवारी ने श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को यादगार बनाने के लिए पतंजलि योग समिति के आयोजन की प्रशंसा की। राम के जीवन के विभिन्न दिव्य प्रसंगों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा-सरगुजा और कोरिया भी, प्रभु राम,श्री राम भक्तों की आस्था के प्रमुख केंद्र रहे हैं ,जहां मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ने अपने चरण रखें। पतंजलि योग समिति के वरिष्ठ योगाचार्य सतीश उपाध्याय ,ने प्रभु श्री राम को राष्ट्र के पुनरुत्थान का नायक बताते हुए कहा कि- राम मंदिर निर्माण एवं रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से सनातन की वैश्विक पहचान पुख्ता हुई है। उन्होंने श्री राम के आदर्श एवं समरसता के रामायण कालीन प्रसंगों की चर्चा करते हुए इस अवसर को भारत के अभ्युदय का एक अंग बताया।
वरिष्ठ व्याख्याता एवं पतंजलि योग समिति की योग साधिका श्रीमती सुनीता मिश्रा ने भगवान राम के अलौकिक व्यक्तित्व पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भगवान राम युगों युगों से हमारे देश ही नहीं बल्कि दुनिया के अनेक देशों में जनसाधारण जन आस्था के केंद्र में रहे हैं भगवान राम की महिमा तो सर्व लोकव्यापी और समस्त सीमाओं के ऊपर है हमारे राम तो समावेशी राम हैं जो जाति धर्म वर्ग ,वर्ण ,विभेद ,विद्वेष समय और परिस्थितियों से ऊपर हैं उन्होंने हर धड़कन में राम की उपस्थिति बताते हुए छत्तीसगढ़ की भूमि पर रामचंद्र जी के प्रवास पर कई दृष्टांत के द्वारा प्रभावी विचार प्रस्तुत किया ।श्री राम पर प्रस्तुत उनका गीत-” हे राम” वातावरण को राममय बना दिया। आध्यात्मिक सत्संग एवं हमारे राम विषय पर वैचारिक संगोष्ठी का संचालन कर रही श्रीमती नीलम दुबे ने अयोध्या में निर्मित भव्य राम मंदिर के निर्माण को भारत की प्रगति एवं आर्थिक शक्ति से जोड़ते हुए कहा कि इस राममय आयोजन से देश में समरसता एवं अपनत्व एवं भाईचारे की भावना का विकास हुआ है।
कार्यक्रम में शा आयुर्वेद चिकित्सालय घुटरा के सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉ संदीप चंदेल, नगर के सुप्रसिद्ध व्यवसायी एवं समाजसेवी राकेश कुमार अग्रवाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सहायक नेत्राधिकारी आर डी दीवान, पतंजलि योग समिति से जुड़े विष्णु प्रसाद कोरी, कैलाश दुबे, श्रीमती बबली, शा कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक रोहित सिंह,दिवाकर आचार्य आदि उपस्थित थे। संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन, नीलम दुबे एवं सतीश उपाध्याय ने किया। संस्कृत अतिथियों का चंदन टीका लगाकर अभिनंदन विष्णु प्रसाद कोरी ने किया। कार्यक्रम के अंत में विचार विमर्श के दौरान, पतंजलि योग समिति के सदस्यों ने , राम वन गमन पथ से जुड़ी धार्मिक आस्थाओं के संबंध में कहा कि-केंद्र एवं राज्य सरकार के साथ स्थानीय प्रशासन को भी राम वन गमन पथ और रामायण धार्मिक पर्यटन को बढ़ाने एवं आस्था के मौजूद केंद्रो को विकसित करने उनके प्रोजेक्ट बनाना चाहिए! श्री राम के जय घोष के साथ कार्यक्रम का विधिवत समापन किया गया।