मनेन्द्रगढ़

तुलसी जयंती हर्षोल्लास के साथ हुआ संपन्न

मनेन्द्रगढ़. जिला एम,सी बी तुलसी मानस प्रतिष्ठान के तत्वावधान में अंचल के सुप्रसिद्ध हनुमान मंदिर सिरौली में परम पूज्यपाद
संत शिरोमणी तुलसी दास की 527 वीं जयंती बडे़ हर्षोल्लाश एवं धूमधाम से मनाया गया,कार्यक्रम में सर्वप्रथम,तुलसीदास ,मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम एवं हनुमान जी की पूजा अर्चना वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ की गयी,तत्पश्चात संगीतमय हनुमान चालीसा एवं सुंदरकांड का सामूहिक रूप से पाठ किया गया।
कार्यक्रम के द्वितीय चरण में आमंत्रित अतिथियों द्वारा तुलसीदास जी के ब्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला गया।
मुख्य अतिथि की आसंदी से कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व जिला पंचायत सदस्य शरण सिंह ने सभा को संबोधित करते हुये बतलाया कि विश्व के महान संत तुलसीदास जी का जन्म संवत 1532 ईसवी में उ प्र के बांदा जिले के ग्राम राजापुर में हुआ था।इनके पिता का नाम आत्मा राम व माता का नाम हुलसी था। चूंकि तुलसी जी का जन्म अभुक्त मूल नक्षत्र में हुआ था,इसलिए इनके माता पिता द्वारा इन्हें त्याग दिया था।जिसके कारण इन्हें बचपन में अनेक प्रकार के कष्टों का सामना करना पडा़।यहां वहां भटकते हुये वे दैवी कृपा से बाबा नरहरि दास के संम्पर्क में आये।बाबा नरहरि दास के आश्रम में ही इनकी शिक्षा दीक्षा हुई।युवा अवस्था आने पर इनका विवाह पं दीनबंधू पाठक की कन्या रत्नावली से इनका विवाह हुआ।इनकी अपनी धर्मपत्नी के प्रति अत्यधिक आसक्ति थी।
अत्यधिक प्रेम के वशीभूत एक घटना से इन्हें अपनी पत्नी से कडी़ फटकार मिली,जिससे ये बहुत आहत एवं दुखी होकर
गृहस्थ जीवन का त्याग कर भगवान श्री राम की भक्ति भाव में लीन हो गये,और काशी चले गये।
जहां उन्होंने अनेक गृन्थों की रचना की।उनका सर्वाधिक प्रशिद्ध गृन्थ रामचरित मानस है।
जो सम्पूर्ण विश्व में सबसे ज्यादा पढा़ जाने वाला एक मात्र गृन्थ है।
रामचरित मानस को विश्व के नैतिक शास्त्र के रुप में भी जाना जाता है।
संस्था अध्यक्ष परमेश्वर सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुये बतलाया कि लगभग 20 वर्षों से तुलसी जयंती का आयोजन श्रद्धालुओं के सहयोग से सफलता पूर्वक किया ज रहा है।और तुलसी कृत रामचरित मानस के संदेशों को जन जन तक पहुंचाकर,ब्यक्ति और समाज को सदाचरण के लिए प्रेरित किया जा रहा है,तुलसी कृत रामचरित मानस में
विश्व शांति और विश्व कल्याण का
का महान संदेश निहित है।
सभा को विशिष्ट अतिथि नारायण प्रसाद तिवारी, शशिकला श्रीवास्तव,पूर्व जनपद सदस्य भागीरथी एवं सेवानिवृत्त कृषि अधिकारी पुष्कर तिवारी द्वारा भी कार्यक्रम को संबोधित किया गया।
कार्यक्रम स्थल पर विशाल भंडारे का भी आयोजन जन सहयोग से किया गया।सम्पूर्ण कार्यक्रम का सुचारू संचालन संस्था अध्यक्ष परमेश्वर सिंह द्वारा सफलतापूर्वक किया गया, आभार प्रर्दशन संस्था के संयोजक सूंदर राम कैवर्त द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में बिशेष रुप से भजन संध्या का भी आयोजन किया गया ,,जिसमें केशव जायसवाल, सुंदर राम कैवर्त, ओमप्रकाश सिंह मेंड्रा खड़गवां,
भूपेंन्द सिंह,मेवालाल गुरुजी, शरण सिंह, प्राण सिंह मुख्तियार पारा,एवं नारायण प्रसाद तिवारी द्वारा सुमधुर भजन प्रस्तुत कर कार्यक्रम को गरिमा एवं ऊंचाईयां प्रदान की।
कार्यक्रम में भागीरथी सिंह,शशिकला श्रीवास्तव रघुवीर सिंह बलबीर सिंह,रघुवर,गुरूजी,सुलोचना सिंह मैडम, श्रीमती सविता कैवर्त,
आर डी वर्मा गुरूजी, आर सी राजवाडे़ सेवा निवृत ब्याख्याता,देवन सिंह,बबन सिंह,गोपाल,बेलवंशी,रामचरन केवट,मानसिंह,इन्द्र पाल रजक,इन्द्र पाल सिंह पाव,सहित बडी़ संख्या में ग्राम वासी नागरिक बंधु एवं ग्रामीण जन माता बहन उपस्थित रहे।

Rafeek Memon

संपादक, इंडियन जागरण

Related Articles

Back to top button