विकसित समाज को तैयार करने में शिक्षक निभा रहे अपनी अहम भूमिका- संजू सोनी

मनेन्द्रगढ़। जिला एमसबी क्लासरूम में पाठ्यक्रम को पढ़ाने के साथ ही विद्यार्थियों को अनुशासन के महत्व के बारे में बताना भी मौजूदा दौर के शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए अति आवश्यक है। शिक्षकों का काम विद्यार्थियों को केवल किताबी ज्ञान देना नहीं है बल्कि उन्हें अपनत्व और प्रेम भी देना है ताकि शिक्षक और विद्यार्थियों के बीच बेहतर बांडिंग विकसित हो सके। स्कूली विद्यार्थी को मॉरल साइंस की विशेष क्लास आयोजित करने और मनुष्यता का पाठ पढ़ाना भी जरूरी है ताकि समाज में जीने की कला विद्यार्थियों के अंदर विकसित हो सके उक्ताशय के विचार गुरुवार को आदर्श पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट के परिसर में आयोजित शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम में संस्था के संचालक रमेश सोनी ने व्यक्त किया
कार्यक्रम में सर्वप्रथम संस्था के संचालक रमेश सोनी और सह संचालक संजू सोनी द्वारा डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्ण के छायाचित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित किया गया साथ ही शिक्षण के क्षेत्र में दिये गये उनके योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। इस अवसर पर संस्था के छात्र छात्राओं ने अपने शिक्षकों के सम्मान में बढ़िया प्रस्तुतियां दीं। इस दौरान बच्चों को बताया गया कि शिक्षक दिवस भारत में 5 सितंबर को मनाया जाता है जो भारत के पहले उप राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर मनाया जाता है। उन्होंने अपने जीवन में शिक्षा के क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया था। उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। शिक्षक दिवस पर हम सही राह दिखाने के लिए अपने गुरुजनों को धन्यवाद देते हैं। इस दिन को मनाकर हम उनके लिए सम्मान व्यक्त करते हैं। इस अवसर पर पैरामेडिकल के प्रथम वर्ष और द्वितीय वर्ष के छात्र छात्राओं ने गाने पर सुंदर प्रस्तुति दी जिसे सभी ने बहुत सराहा।संस्था की सह संचालक श्रीमती संजू सोनी ने इस अवसर पर कहा की हाल के वर्षों में शिक्षा व्यवस्था में काफी सुधार आया है। जरूरत है कि पाठ्यक्रम की पढ़ाई के साथ ही विद्यार्थियों में अनुशासन और मोरल की भी शिक्षा दी जाये ताकि विद्यार्थी पढ़ाई में बेहतर प्रदर्शन करने के साथ ही विकसित समाज को तैयार करने में अपनी अहम भूमिका निभायें,अपने विचार रखते हुए शिक्षक सोहन यादव ने इस मौके पर कहा की शिक्षकों का पेशा एक ऐसा पेशा है जिसमें इच्छाशक्ति का होना अति आवश्यक है। शिक्षकों को नियम का पालन करना जरूरी है लेकिन उन्हें नियमों में बांध कर रखने से शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक विकास नहीं किया जा सकता है। शिक्षकों को खुद ही ऐसी व्यवस्था तैयार करनी होगी कि कोई भी विद्यार्थी क्लास को छोड़े नहीं। शिक्षकों के साथ ही अभिभावकों की भी जिम्मेदारी है कि बच्चों को मनुष्यता का पाठ पढ़ाया जाये ताकि वे समाज में बेहतर ढंग से जीने की कला सीख सकें। हमारे पढ़ाये हुये विद्यार्थी जब बेहतर प्रदर्शन करते हैं तो उसमें शिक्षकों को सबसे अधिक खुशी होती है। शिक्षकों को इस बात ख्याल रखते हुए पढ़ाने की आवश्यकता है कि हम एक बेहतर मनुष्य का निर्माण कर सकें। विद्यार्थियों और शिक्षकों के बीच बेहतर रिश्ता होगा तभी गुणात्मक शिक्षा का प्रसार हो पायेगा। विद्यार्थी और शिक्षकों के बीच अपनत्व होगा तभी विद्यार्थी खुलकर अपनी समस्याओं को शिक्षकों के सामने रख सकेंगे और उसका समाधान निकाल पायेंगे।इस अवसर पर संस्था के संचालक रमेश सोनी, सह संचालक संजू सोनी, शिक्षक सोहन यादव, संजय मिश्रा के साथ भुनेश्वरी, पूनम, पार्वती, नम्रता, मीनाक्षी, प्रीतम, खुशबू, चांद कुमारी, मानसी, नेहा, सोनू, नैंसी, अनुराधा, जया, रोशनी, रोहन सिंह, दीपक, अंजली यादव, मनीषा, नंदिनी, अल्पा, प्रीति, सरिता सारथी, गीता, प्रीति, मीना, सुनीता, संगीता, सुशीला, उपस्थित रहे।