मनेन्द्रगढ़

चिरमिरी का हल्दीबाड़ी सांप्रदायिक सौहार्द्र का केंद्र बना हुआ है मस्जिद के पास गणपति का पंडाल बनाया गया है. हालांकि दोनों समाज के लोग भाईचारे के साथ हैं.

मनेन्द्रगढ़ जिला,चिरमिरी एमसीबी चिरमिरी क्षेत्र सांप्रदायिक सौहार्द्र का केंद्र है. यहां का हल्दीबाड़ी इन दिनों धार्मिक सौहार्द्र की एक अनोखी मिसाल पेश कर रहा है. यहां एक तरफ गणेश चतुर्थी का उत्सव हिंदू समाज की ओर से धूमधाम से मनाया जा रहा है. वहीं, दूसरी ओर मुस्लिम समाज जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी को हर्षोल्लास के साथ मना रहे हैं,मस्जिद के पास गणपति पंडाल: दरअसल, चिरमिरी के हल्दीबाड़ी के पुराने मस्जिद के ठीक सामने गणेश जी की प्रतिमा स्थापित की गई है. यहां विधिवत पूजा-अर्चना और आरती किया जा रहा है. वहीं, मस्जिद में हर रात मिलाद शरीफ के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो रहे हैं. मस्जिद में महिलाएं, पुरुष और बच्चे उत्साहपूर्वक भाग ले रहे हैं, जबकि गणेश उत्सव में भक्त सुबह-शाम पूजा-अर्चना के लिए पंडाल में आते हैं
हमने हमेशा भाईचारे को बढ़ावा दिया है यहाँ हर त्यौहार मिलजुलकर मनाया जाता है, यही हमारी पहचान है अब्दुल कादिर, मस्जिद सचिव
यह हमारा सौभाग्य है कि हम एक ऐसे माहौल में रहते हैं, जहां दोनों धर्मों के लोग एक-दूसरे के त्यौहार में साथ मिलकर हिस्सा लेते हैं.राकेश परासर, अध्यक्ष, गणेश पूजा कमेटी

दोनों समुदाय करते हैं एक दूसरे का सम्मान: इस धार्मिक सौहार्द्र का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि दोनों समुदायों के लोग एक-दूसरे के त्योहारों का सम्मान कर रहे हैं. जब गणेश जी की पूजा होती है तब मस्जिद के माइक को बंद कर दिया जाता है. जब मस्जिद में मिलाद शरीफ का आयोजन होता है, तो पंडाल के माइक का साउंड कम कर दिया जाता है.इस,सहयोगात्मक रवैये ने चिरमिरी को सांप्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल बना दिया है
चिरमिरी का यह सौहार्द्र पूरे जिले के लिए एक प्रेरणा है. यहां की शांति और आपसी सहयोग को देखकर खुशी मिलती है. विवेक पाटले, टीआई, जिला एमसी बी,चिरमिरी इस क्षेत्र के सभी लोग हर त्यौहार को भाईचारे के साथ मिलकर मानते हैं क्षेत्र की सबसे बड़ी खासियत है

Rafeek Memon

संपादक, इंडियन जागरण

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