गिरीश पंकज के देश के 10 बडे़ साहित्यकारों में शामिल, मुख्यमंत्री ने दी बधाई।

मनेन्द्रगढ़- जिला एमसीबी देश की सुप्रशिद्ध साहित्यिक संस्थान ” राही संस्थान जयपुर” ने मनेंन्द्रगढ़ की पावन धरा के माटीपुत्र गिरीश पंकज जी को देश के 10 शीर्ष साहित्यकारों की सूची में 10 वें क्रम में स्थान दिये जाने पर मनेंद्रगढ़ सहित पूरा छ ग गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री माननीय विष्णुदेव साय जी ने भी उन्हें इस उपलब्धि पर बिशेष रुप से बधाई दी है,,व उनकी इस उपलब्धि को छ ग के लिये गौरव का विषय बतलाया है।
गिरीश पंकज जी को उनकी इस गौरवशाली उपलब्धि पर हिंदी साहित्य भारती सहित स्थानीय साहित्यकारों ने भी गिरीश पंकज को शुभकामनाएं प्रेषित की है एवं इसे मनेंन्द्रगढ़ के लिये गर्व का विषय बतलाया है। श्री पंकज जी,मनेंन्द्रगढ़ में ही पैदा हुये व पले बढे़ हैं। सर्वोदयी एवं गांधीवादी इनके पिता स्व कृष्ण प्रसाद उपाध्याय 1956 -57 में मनेद्रगढ़ आए थे तब से निरंतर उसी निवास में रह रहे हैं। गिरीश पंकज का बचपन से ही साहित्य व लेखन की ओर झुकाव रहा है।वे साहित्य लेखन व पत्रकारिता दोनों में ही समान दखल रखते हैं।उन्होंने 1978 में बिलासपुर टाइम्स के मनेन्द्रगढ़ रिपोर्टर के रुप में अपनी पत्रकारिता जीवन का प्रारंभ करते हुये दैनिकभास्कर के बिलासपुर रायपुर व दुर्ग एडीशन के सम्पादक के रुप में सेवा देते रहे हैं। पत्रकारिता के साथ साथ वे साहित्य सृजन में भी लगातार सक्रिय रहे हैं।और अब तक वे 125 से भी अधिक पुस्तकों की रचना कर चुके हैं। व्यंग के क्षेत्र में दिया जाने वाला देश का सबसे बड़ा पुरस्कार व्यंग श्री सम्मान से विभूषित
श्री पंकज जी देश की विभिन्न भाषाओं के साहित्यकारों की उत्कृष्ट रचनाओं का हिंदी अनुवाद कर सांस्कृतिक आदान प्रदान के माध्यम से देश की एकता अखंडता को मजबूत करने की दिशा में अभिनव पहल करते हुये उन्होंने
सदभावना दर्पण नामक अनुवाद की साहित्यिक पत्रिका का भी विगत दो दशकों से संपादन कर रहेहैं रहे हैं।जिसके संस्थापक ,प्रकाशक व संपादक वे स्वयं हैं।अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलनों में ब्याख्यान देने व कविता पाठ करने वे कयी बार विदेश यात्रा भी कर चुके हैं।श्री पंकज की गिरीश पंकज रचनावली भी 14 खंडों में प्रकाशित हो चुकी है,पंकज स्थानीय साहित्यिक संस्था संबोधन साहित्य एवं कला विकास संस्थान के संस्थापक सदस्य व अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
गिरीश पंकज सुप्रशिद्ध गांधी वादी सर्वोदयी नेता व श्री गांधी खादी भंडार के संस्थापक स्व कृष्ण कुमार उपाध्याय के ज्येष्ठ पुत्र व वरिष्ठ साहित्यकार सतीश उपाध्याय के बडे़ भ्राता हैं।उनकी साहित्य साधना को नमन वंदन करते हुये अंचल के विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं ने उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।