ग्लोकोमा को हल्के में न लें , समय पर नेत्रों की जांच करायें,दिवान

मनेन्द्रगढ, जिला एमसीबी,विश्व ग्लाकोमा सप्ताह-” के तहत, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सहायक नेत्राधिकारी आर डी दीवान के द्वारा, आंखों की खतरनाक बीमारी ग्लूकोमा से बचाव , एवं नेत्र – सुरक्षा की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई। सरस्वती शिशु मंदिर योग प्रांगण में योग साधकों की उपस्थिति में नेत्राधिकारी दीवान ने ग्लाकोमा के लक्षण , प्रारंभिक बचाव एवं मनुष्यों को पूर्ण रूप से अंधा बना देने वाली घातक बीमारी ग्लूकोमा (कांचबिंद) में बचने के लिए नेत्र विशेषज्ञ द्वारा नियमित जांच की विस्तार से जानकारी दी । उन्होंने कहा कि सामान्यतः ग्लूकोमा 40 की उम्र के बाद होने वाली बीमारी है, 40 के बाद हर व्यक्ति को प्रति वर्ष अपनी आंखों की जांच नेत्र विशेषज्ञ से ग्लूकोमा की जांच अवश्य करानी चाहिए-। पतंजलि योग समिति के योग कैंप में उपस्थित योग साधक समुदाय को नेत्राधिकारी ने दृष्टि का दायरा एवं डार्क एडॉप्शन टाइम को स्पष्ट करते हुए बताया कि ग्लाकोमा होने की संभावना उन व्यक्तियों को ज्यादा रहती है जो ब्लड प्रेशर डायबिटीज की बीमारी से ग्रसित हो एवं जिनके परिवार में किसी को ग्लूकोमा बीमारी रही हो उन्होंने कहा कि ग्लूकोमा से हुए नुकसान की भरपाई संभव नहीं है परंतु नियमित जांच एवं नेत्र विशेषज्ञ सराय के अनुसार दवाइयां के सेवन से आंखों की बची हुई दृष्टि को सुरक्षित रखा जा सकता है। इस अवसर डॉ संदीप सिंह चंदेल सहित पतंजलि योग समिति के जिला प्रभारी, सतीश उपाध्याय बलवीर कौर, पिंकी सलूजा, कल्पना सिंह राजपूत, रामसेवक विश्वकर्मा, जगदंबा अग्रवाल, समाजसेविका रूपा पोद्दार ,प्रतिभा सोलोमन ,सुनीता शर्मा, बबली सिंह, सुनीता मिश्रा, ईरा कर राकेश अग्रवाल, परमानंद सिंह ,कैलाश दुबे एवं चंदेल उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन आर डी दीवान ने किया।