क्रिसमस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित किया गयादिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल के बच्चों ने जरूरतमंदों को वितरित की सामग्री
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मनेन्द्रगढ़ जिला एमसीबी शहर में स्थित शिक्षा केंद्र दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल में क्रिसमस के उपलक्ष्य में त्याग की खुशी एवं महत्व को बताने के लिए जॉय आफ गिविंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे विद्यालयीन बच्चों ने सामग्री एकत्रित कर जरूरतमंदों में उसका वितरण किया। इस अवसर पर बच्चों के चेहरों पर मुस्कान देखते ही बन रही थी,विद्यालय परिवार के तत्वाधान में आयोजित इस कार्यक्रम में छात्रों को बताया गया कि सदैव देने वाले की खुशी प्राप्त करने वाले की खुशी से बड़ी होती है। किसी को कोई वस्तु दान स्वरूप देने से जो आनंद प्राप्त होता है वह अतुल्यनीय है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों में क्षमता के अनुसार दान देने की प्रवृत्ति को पोषित करना था। इस आयोजन में छात्रों को अनुदेशित किया गया कि कपड़े, जूते खिलौने, किताबें, खाने की चीजें इत्यादि जो भी वो दान करना चाहें , विद्यालय में जमा कराएं तथा बाद में असहाय तथा सुपात्र लोगों को दान में दें,इस कार्यक्रम में सभी विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और अच्छी तरह से वस्तुओं को विद्यालय में संग्रहित कराया। इसके बाद विद्यालय की कक्षा आठवीं और चौथी के छात्र-छात्राओं द्वारा संस्था की निदेशिका श्रीमती पूनम सिंह की उपस्थिति एवं निर्देशन में शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जरूरतमंद व्यक्तियों को वितरित किया गया। वितरण की जाने वाली सामग्रियों में कपड़े, खिलौने, स्वेटर ,कंबल, चादर ,राशन, किताबें इत्यादि सामग्री दी गई
संस्था के प्राचार्य डॉ बसंत कुमार तिवारी ने कहा कि यह सिर्फ एक दिन का उत्सव ना होकर हर दिन का हिस्सा बने। जॉय ऑफ गिविंग का आयोजन न केवल छात्रों में समाजिक जिम्मेदारी की भावना को विकसित करता है बल्कि उन्हें बेहतर नागरिक बनने के लिए प्रेरित करता है
संस्था की निदेशिका श्रीमती पूनम सिंह ने अपने संदेश में कहा कि छोटे-छोटे प्रयास समाज में बड़ा बदलाव ला सकते हैं। इससे बच्चों को यह सीख मिलती है कि दूसरों की मदद करने से ना केवल हमारी जिम्मेदारी पूर्ण होती है अपितु यह हमारे व्यक्तित्व को भी निखारता है। जॉय आफ गिविंग हमें परोपकार, दया और सामूहिकता का पाठ सिखाता है। इस उत्सव ने यह साबित किया कि छोटे-छोटे प्रयास मिलकर एक बड़ी सकारात्मक सामाजिक जिम्मेदारी की शुरुआत कर सकते हैं। अभिभावकों को भी धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि उनके द्वारा की गई यह पहल एवं सहयोग ना केवल बच्चों के लिए प्रेरणादायक है अपितु कम उम्र से ही उनमें परोपकार की भावना को विकसित करता है