मनेन्द्रगढ़

दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल के साथ किसान एवं ईश्वर बैसाखी कार्यक्रम का किया गया आयोजन

मनेन्द्रगढ़ जिला एमसीबी शहर के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया किसानों एवं ईश्वर को अर्पित फसलों का पर्व बैसाखी।
कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर बसंत कुमार तिवारी द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया तत्पश्चात् कक्षा चौथी एकलव्य तथा सातवीं के साथ छात्रों द्वारा गीत ‘देखोआई बैसाखी’ की सुमधुर प्रस्तुति दी गई इसके पश्चात् आठवीं के छात्र हरनव ने बैसाखी के विशेष दिन की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि हर साल बैसाखी का त्योहार अप्रैल महीने में मनाया जाता है यह न केवल नए साल की पहली फसल को चिन्हित करने वाला त्योहार है बल्कि सन 1966 में गुरु गोविंद सिंह द्वारा स्थापित खालसा समुदाय के गठन की याद दिलाता है यह ऐसा त्योहार है जो आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और कृषि पहलुओं को खूबसूरती से जोड़ता है।
इसी परिपेक्ष्य के अगले क्रम में कक्षा पांचवीं की छात्राओं ने गीत ‘मार उड़ारी’ पर आकर्षक नृत्य की प्रस्तुति दी, मनमोहक नृत्य के पश्चात प्राचार्य डॉ बसंत कुमार तिवारी ने विद्यालय को संबोधित करते हुए सभी विद्यार्थीयों को बैसाखी कि शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि यह विशेष पर्व रवि की अच्छी फसल की कटाई के उपलक्ष्य में ईश्वर को धन्यवाद स्वरूप मनाया जाता है, किसान विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से साल भर की पहली फसल की कटाई के अवसर पर ईश्वर का आभार व्यक्त करते हुए करते हैं कि उनकी मेहनत रंग लाई और अच्छी फसल प्राप्त हुई। इसका ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से भी बहुत बड़ा महत्व है सन 1699 को इसी दिन गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की यह दिन सिक्ख समुदाय के लिए गर्व और श्रद्धा का प्रतीक है इस दिन लोग गुरुद्वारे जाकर प्रार्थना करते हैं तथा लंगर के माध्यम से सेवा और भाईचारे का संदेश प्रसारित करते हैं, यह पावन पर्व हमें शिक्षा देता है कि हमें अपने संस्कृति पर गर्व होना चाहिए मिलजुल कर रहना चाहिए और मेहनत से कभी भी पीछे नहीं हटना चाहिए,संस्था की निदेशिका श्रीमति पूनम सिंह ने अभिभावकों एवं विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए अपने संदेश में कहा कि बैसाखी हमें यह याद दिलाती है कि परिश्रम का फल सदैव मीठा होता है जैसे किसान पूरी लगन से खेतों में मेहनत करते हैं और इस परिश्रम के परिणाम स्वरूप उन्हें मिलती है समृद्ध फसल, इसी प्रकार यदि हम अपने लक्ष्य के प्रति ईमानदार और समर्पित रहें तो हमें भी परिणाम स्वरुप सफलता ही प्राप्त होगी एवम् हमें विश्वविजेता बनने से कोई नहीं रोक सकता है

Rafeek Memon

संपादक, इंडियन जागरण

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