67 साल की कमला देवी मंगतानी ने बनी दुबई अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण पदक 3 एक रजत पदक प्रदेश छत्तीसगढ़ जिला एमसीबी नाम किया रोशन परिवार के और मित्रों ने दी ढेर सारी बधाइयां

मनेन्द्रगढ़, जिला एमसीबी उम्र सिर्फ एक संख्या है यह कहावत मनेन्द्रगढ़ की कमला देवी मंगतानी ने सच कर दिखाई है। 67 वर्ष की आयु में जब अधिकांश लोग अपने शरीर की समस्याओं को स्वीकार कर लेते थे, तब कमला देवी ने अपने दृढ़ संकल्प, निर्देश और आत्मबल से न केवल जीवन को चुनौती दी, बल्कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल जगत में अपने शहर, राज्य और देश का नाम भी रोशन किया,कमला देवी मंगतानी पिछले 30 वर्षों से श्रमिक जैसी जटिल बीमारी से यात्रा कर रही हैं। एक समय था जब आक्षेपिक ने इलाज से जवाब दे दिया था और मंदी-फिरने में असमर्थता के कारण उन्हें बैसाखी थमा दे दी गई थी। लेकिन जहां एक ओर शरीर जवाब दे रहा था, वहीं दूसरी ओर उनके कर्मचारियों और कर्मचारियों की नई उड़ान भरने की तैयारी थी। उन्होंने न केवल बैसाखी को अवरूद्ध किया बल्कि अपने लक्ष्य पर स्टैण्ड पर यात्रा शुरू की। एक-एक कदम आगे बढ़ते हुए उन्होंने जीवन के प्रति एक नया नजरिया सीखा। कुछ ही वर्षों में उन्होंने खुद को अत्यधिक अस्थमा में ले लिया और स्थानीय जिम में जाना शुरू कर दिया। पिछले पांच वर्षों से वे लगातार जिम में नियमित रूप से अभ्यास कर रहे हैं। जहां उनकी उम्र के लोग प्लेसमेंट के बाद आराम की जिंदगी जीते हैं, वहीं कमला देवी सुबह-सवेरे जादुई जिम में पानी पीते हैं। जिम में उन्होंने खुद को न सिर्फ फिट किया, बल्कि वजन उठाना (वेटिंग) करना शुरू कर दिया, जैसे कि हार्ड स्केटिंग में भी वजन हासिल कर लिया। उनकी मेहनत और जज्बे के नतीजों में यह कहा जा रहा है कि उन्होंने अलग-अलग हिस्सों में आयोजित वेट ट्रेनिंग ट्रेनिंग में भाग लेना शुरू कर दिया है। राष्ट्रीय स्तर की टीम से शुरू हुई और धीरे-धीरे धीरे-धीरे अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पहुंच गई। अब तक वे 100 से ज्यादा गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। इन पुरस्कारों में राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी शामिल हैं। दुबई में आयोजित 11 वें अंतर्राष्ट्रीय खेल समारोह में उन्हें सबसे खोया हुआ और पूर्ण सफलता प्राप्त हुई। संयुक्त भारतीय खेल फाउंडेशन द्वारा 22 से 28 अप्रैल 2025 के बीच इस कार्यक्रम का आयोजन दुबई स्पोर्ट्स काउंसिल के सानिध्य में किया गया। इसमें माइक्रोसॉफ्ट के बास्केटबॉल ने हिस्सा लिया। कमला देवी ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए तीन स्वर्ण पदक और एक रजत पदक अपने नाम किया। उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि से न केवल भारत, बल्कि छत्तीसगढ़ राज्य और विशेष रूप से मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (एमसीबी सहित का नाम रोशन किया गया। कमला देवी मंतानी ने बताया कि शासन से बिना सहायता के यह हासिल किया गया है। कई बार आर्थिक खर्च के कारण छूट छोड़नी पड़ती है। अगर शासन-प्रशासन से सहयोग मिलता है तो और भी माडल रहने से परिवार सहित पूरा क्षेत्र अनुदान प्राप्त कर सकता है