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संघर्षों से साधी सफलता, राष्ट्रपति से मिला धमतरी के लाल को सम्मान

धमतरी/ किसान परिवार में जन्मे और संघर्षों से अपनी राह बनाने वाले टीकमचंद किरण को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया। लाइवलीहुड कॉलेज धमतरी में प्रशिक्षक रहे टीकमचंद ने अब तक 1200 से अधिक युवाओं को सुरक्षा गार्ड की ट्रेनिंग देकर रोजगार से जोड़ा है।

उनका मानना है—“कौशल ही युवाओं की सबसे बड़ी पूंजी है।” यही वजह है कि उनके विद्यार्थी सिर्फ नौकरी तक सीमित नहीं रहते, बल्कि आत्मविश्वास, अनुशासन और जिम्मेदारी भी सीखते हैं।

महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी उन्होंने अहम कदम उठाए। एम्प्लॉयबिलिटी स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत 60 युवतियों को मुफ्त प्रशिक्षण और कौशल तिहार 2025 में स्वरोजगार के लिए उपकरण किट दिलवाई। इससे कई महिलाएं आत्मनिर्भर बनीं।

टीकमचंद का सफर बेहद प्रेरणादायक है। नगर पंचायत आमदी में किसान परिवार से निकलकर उन्होंने कठिनाइयों के बावजूद स्नातकोत्तर और एमसीए की पढ़ाई की। बचपन से स्काउट-गाइड से जुड़े रहने के कारण सेवा-भाव और अनुशासन उनके व्यक्तित्व का हिस्सा बना।

कलेक्टर अभिनाश मिश्रा ने कहा—“यह सम्मान न सिर्फ धमतरी बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ का गौरव है।”

सम्मान ग्रहण करते समय टीकमचंद की आंखों में चमक थी, लेकिन वह चमक व्यक्तिगत नहीं, बल्कि उन हजारों युवाओं की थी, जिनके जीवन को उन्होंने दिशा दी है।

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