धमतरी/ पंजाब में आई भीषण बाढ़ से हजारों परिवार प्रभावित हुए हैं। इस कठिन समय में धमतरी के मुस्लिम समाज आगे बढ़कर इंसानियत और भाईचारे की मिसाल पेश की। आपसी सौहार्द और सामाजिक जिम्मेदारी को निभाते हुए मुस्लिम समाज ने कुल ₹1,01,786 की राशि जुटाई और इसे धमतरी के सिख समाज को सौंप दिया। यह धनराशि गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के माध्यम से पारदर्शी तरीके से बाढ़ पीड़ितों तक पहुंचाई जाएगी।
धमतरी मुस्लिम समाज हमेशा से किसी भी आपदा या संकट के समय आगे बढ़कर मदद करता आया है। सदस्यों ने कहा कि – “इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है, धर्म और जाति से ऊपर उठकर जरूरतमंदों की मदद करना ही हमारा असली कर्तव्य है। पंजाब के बाढ़ पीड़ित परिवारों को राहत पहुंचाना हमारे लिए मानवता का फर्ज है।”
यह पहल केवल आर्थिक सहयोग तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य समाज को यह संदेश देना है कि मुश्किल वक्त में सभी समुदायों को एकजुट होकर इंसानियत के लिए खड़ा होना चाहिए।
हाजी मैनुद्दीन खिलची, हाजी इश्तियाक गोलू रोकड़िया,हाजी अब्दुल रशीद खत्री, इशाक रज़ा, जावेद राजा, मुस्तफा रज़ा, निर्बाण लक्की रज़ा, अहमद सोहराब, वसीम अशरफ़ी, रेहान रज़ा, अय्यूब रज़ा, जावेद खत्री, अमन रूमी और समसाद अशरफ़ी ने सिख समाज के प्रतिनिधियों को धन राशि सौंपी।
इस अवसर पर सिख समाज के प्रतिनिधियों ने मुस्लिम समाज का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ऐसे कदम न केवल पीड़ित परिवारों को राहत देते हैं बल्कि समाज में भाईचारे और आपसी सद्भावना को और प्रगाढ़ करते हैं।
धमतरी का यह उदाहरण साबित करता है कि जब इंसानियत को प्राथमिकता दी जाए तो हर धर्म, जाति और वर्ग की दीवारें खुद-ब-खुद टूट जाती हैं। संकट की घड़ी में इस तरह की एकजुटता पूरे समाज के लिए प्रेरणादायी संदेश है।
