धमतरी/ग्रामीण युवाओं एवं किसानों की आयवृद्धि तथा स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से RAWE (Rural Agricultural Work Experience) कार्यक्रम के अंतर्गत ग्राम बानगर में चतुर्थ वर्ष के विद्यार्थियों द्वारा मशरूम उत्पादन का प्रायोगिक प्रदर्शन आयोजित किया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने ग्रामीण किसानों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को कम पूंजी में अधिक आय प्राप्त करने वाली मशरूम उत्पादन तकनीक की विस्तृत जानकारी दी।

प्रदर्शन के दौरान मशरूम उत्पादन हेतु आवश्यक सामग्री जैसे पुआल (स्ट्रॉ), पॉलिथीन बैग, स्पॉन (बीज), फॉर्मलिन घोल, नमी स्रोत तथा ताप–आर्द्रता नियंत्रण की जानकारी दी गई। विद्यार्थियों ने स्ट्रॉ की कटाई, स्वच्छिकरण एवं भिगोने की प्रक्रिया का फील्ड स्तर पर व्यावहारिक प्रदर्शन किया तथा बताया कि स्वच्छ वातावरण, 20–25 डिग्री सेल्सियस तापमान, 80–90 प्रतिशत नमी एवं उचित वायुसंचार मशरूम उत्पादन की सफलता के लिए आवश्यक है।
विद्यार्थियों द्वारा स्पॉन रनिंग एवं केसिंग प्रक्रिया को सरल भाषा में समझाया गया। पॉलिथीन बैग में परत-दर-परत स्ट्रॉ एवं स्पॉन भरने, बैग में छिद्र बनाने तथा नमी युक्त अंधेरे कक्ष में रखने की विधि का भी प्रदर्शन किया गया। विशेष रूप से ग्रामीण महिलाओं को घर पर ऑयस्टर मशरूम उत्पादन की आसान तकनीक बताई गई, जिससे न्यूनतम लागत, कम स्थान एवं कम श्रम में स्वरोजगार के अवसर सृजित किए जा सकते हैं।
कार्यक्रम के दौरान मशरूम के पोषण मूल्य—उच्च प्रोटीन, फाइबर, विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स एवं खनिज तत्वों—की जानकारी भी साझा की गई। साथ ही मशरूम की पैकेजिंग, विपणन, शेल्फ लाइफ तथा मूल्य संवर्धन जैसे अचार, पापड़ एवं पाउडर निर्माण पर भी किसानों को जागरूक किया गया।
यह गतिविधि डॉ. नवनीत राणा (डीन) के मार्गदर्शन में, डॉ. भूमिका हत्गिया (RAWE समन्वयक) के निर्देशन एवं उपस्थिति में तथा डॉ. गुलाब बर्मन एवं सोनू दिवाकर के सहयोग से सफलतापूर्वक संपन्न हुई। कार्यक्रम से ग्रामीण क्षेत्र में स्वरोजगार एवं आयवृद्धि की संभावनाओं को बल मिला।
