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धमतरी

तेंदुए की मौजूदगी को लेकर वन विभाग सतर्क, ग्रामीणों की सुरक्षा हेतु व्यापक जागरूकता अभियान

धमतरी/धमतरी जिला घने वनक्षेत्रों से आच्छादित है, जहाँ भालू, जंगली सुअर, हिरण के साथ-साथ तेंदुए का प्राकृतिक विचरण पाया जाता है। शीत ऋतु के दौरान तेंदुआ प्रायः अपने वनक्षेत्र से बाहर निकलकर समीपवर्ती ग्रामों की बस्तियों की ओर आ जाता है। इसे दृष्टिगत रखते हुए वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, धमतरी वनमंडल द्वारा वनक्षेत्रों से लगे ग्रामों में सतर्कता बढ़ाते हुए सुरक्षा एवं जनजागरूकता के व्यापक उपाय किए जा रहे हैं।

विगत वर्षों में नगरी तहसील के वनांचल से लगे ग्राम कुकरीकोन्हा, मुकुन्दपुर, पालगांव, कोरमुड, केकराखोली, गोरसानाला, गट्टासिल्ली, सिरकट्टा, मुड़केरा, गोविंदपुर, चिवर्षी, कल्लेमटा सहित अन्य ग्रामों में तेंदुए की गतिविधियों की जानकारी के आधार पर हाई-रिस्क ग्रामों के लिए अलर्ट जारी किया गया है।

वन परिक्षेत्र अधिकारियों, डिप्टी रेंजर्स एवं वनरक्षकों द्वारा ग्राम-ग्राम जाकर ग्रामीणों को आवश्यक सावधानियों की जानकारी दी जा रही है। मुनादी के माध्यम से जनजागरूकता बढ़ाई जा रही है। ग्राम पंचायतों को सतर्क किया गया है तथा वन प्रबंधन सुरक्षा समितियों के माध्यम से ग्रामीणों को निरंतर समझाइश दी जा रही है।

बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता

वन विभाग द्वारा बच्चों की सुरक्षा पर विशेष जोर दिया गया है। अभिभावकों से अपील की गई है कि छोटे बच्चों को अकेला न छोड़ें, विशेषकर सुबह-शाम एवं रात्रि के समय उन्हें किसी बड़े के साथ ही बाहर भेजें। घरों, गलियों, स्कूल परिसरों एवं आम रास्तों पर पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था रखने, टॉर्च/हेडलैम्प/मोबाइल फ्लैशलाइट का उपयोग करने तथा बच्चों को 2-3 के समूह में चलते हुए बातचीत करते रहने या गीत गाने की सलाह दी गई है।

रात्रि गश्त अभियान से सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़

वनमण्डलाधिकारी  जाधव श्रीकृष्ण के मार्गदर्शन में 16 दिसंबर 2025 को जिले के विभिन्न वन परिक्षेत्रों में विशेष रात्रि गश्त अभियान संचालित किया गया। भखारा, कुरूद, नगरी, मगरलोड, बोरई, सिहावा सहित संवेदनशील क्षेत्रों में सघन गश्त कर वाहनों की जांच की गई। अभियान के दौरान किसी भी प्रकार की अवैध कटाई, शिकार अथवा अन्य वन अपराध की पुष्टि नहीं हुई।

नगरी वन परिक्षेत्र में तेंदुए की मौजूदगी की सूचना मिलने पर वन अमले द्वारा तत्परता से आसपास के ग्रामीणों को सतर्क किया गया एवं आवश्यक सुरक्षा उपायों की जानकारी दी गई।

वनमण्डलाधिकारी ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे वन विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें तथा प्रशासन को सहयोग प्रदान करें, ताकि मानव-वन्यजीव सहअस्तित्व को सुरक्षित एवं संतुलित बनाए रखते हुए किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।

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