धमतरी/कांग्रेस कार्यकर्ताओं की जुबान पर इन दिनों बस एक ही सुर गूंज रहा है— “यही रात अंतिम, यही रात भारी… शायद कल सुबह नई उम्मीद लेकर आए।”
जिला कांग्रेस अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर पार्टी में उत्सुकता अब चरम पर पहुंच चुकी है। लंबे समय से चल रहा इंतज़ार अब धड़कनों में बदल गया है। कार्यकर्ता मानते हैं कि नाम लगभग तय है, नियुक्ति कभी भी हो सकती है, लेकिन घोषणा का इंतज़ार उन्हें बेचैन कर रहा है।
धमतरी के कांग्रेस कार्यकर्ता सुबह से लेकर देर रात तक पार्टी कार्यालयों में बैठकों और चर्चाओं में डूबे रहते हैं। हर फोन कॉल, हर संदेश, हर राजनीतिक हलचल में उन्हें लगता है कि बस अब घोषणा हो जाएगी। कार्यकर्ताओं के चेहरे पर उम्मीद साफ झलकती है, मानो कोई बड़ी जिम्मेदारी शहर की राजनीति में नया मोड़ देने वाली हो।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, हाईकमान ने अंतिम चरण की चर्चा पूरी कर ली है और नियुक्ति के संकेत मिल चुके हैं। लेकिन आधिकारिक घोषणा अभी तक नहीं आई है, जिससे कार्यकर्ताओं को “लंबे इंतज़ार की आखिरी रात” जैसा अहसास हो रहा है।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि
“जिलाध्यक्ष की ताजपोशी देर से सही, मजबूत नेतृत्व की नींव रखेगी। हम तैयार हैं—बस पार्टी की मुहर का इंतजार है।”
धमतरी में यह इंतज़ार सिर्फ एक पद का नहीं, बल्कि संगठन को नई दिशा देने की उम्मीद का प्रतीक बन चुका है। हर कार्यकर्ता की निगाहें अब दिल्ली पर टिकी हैं— और दिल में वही सुर गूंज रहा है—
“यही रात अंतिम… बस ऐलान का सूरज उगने दो।”
