धमतरी/आज का दिन भारत के इतिहास में विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इस दिन देश को एक ऐसा व्यक्तित्व मिला जिसने राजनीति को सेवा का माध्यम बनाकर ‘जनसेवा ही प्रभु सेवा’ की परंपरा को जीवंत किया। 17 सितम्बर 1950 को गुजरात के वडनगर में जन्मे नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने सामान्य परिवार से निकलकर विश्व पटल पर भारत की पहचान को एक नई ऊँचाई तक पहुँचाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन की यात्रा संघर्ष, तपस्या और सेवा का अद्वितीय उदाहरण है। बचपन से ही देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत मोदी जी ने संघ से जुड़कर सामाजिक कार्यों में सक्रिय भागीदारी निभाई। साधारण जीवन से आरंभ हुई उनकी यह यात्रा आज भारत को ‘विश्वगुरु’ बनाने की दिशा में अग्रसर है। उनके नेतृत्व में देश ने ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ का मंत्र अपनाकर विकास के नए आयाम छुए हैं।
ज्ञात को की नरेंद्र मोदी ने भारतीय संस्कृति, परंपरा और आधुनिकता का संतुलन बनाते हुए राष्ट्र को आत्मनिर्भर भारत की ओर अग्रसर किया है। ‘मेक इन इंडिया’, ‘डिजिटल इंडिया’, ‘स्वच्छ भारत अभियान’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ जैसे अभियानों ने देश की युवा शक्ति को नई दिशा दी है।
मोदी जी का व्यक्तित्व केवल भारत तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि वैश्विक मंचों पर उनकी लोकप्रियता और नेतृत्व क्षमता ने भारत की प्रतिष्ठा को अभूतपूर्व ऊँचाई प्रदान की है। आज विश्वभर में भारत को एक सशक्त, आत्मनिर्भर और निर्णायक राष्ट्र के रूप में देखा जा रहा है, जिसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि और मजबूत नेतृत्व को जाता है।
उनका जीवन यह संदेश देता है कि सच्ची निष्ठा, परिश्रम और समर्पण से कोई भी व्यक्ति समाज और राष्ट्र के लिए परिवर्तनकारी शक्ति बन सकता है। आज उनके जन्मदिन के अवसर पर इंडियन जागरण परिवार उनके स्वस्थ, दीर्घायु और ऊर्जावान जीवन की मंगलकामना करता है।
प्रधान संपादक प्रदीप अग्रवाल




