
धमतरी/जिले की तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में एक नया अध्याय जुड़ गया है। महापौर रामू रोहरा के अथक प्रयासों और लगन का परिणाम है कि भोपाल राव पवार शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज रुद्री को राज्य सरकार द्वारा भवन एवं आवास निर्माण के लिए 11 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है। इस बड़ी सौगात से न केवल संस्थान का कायाकल्प होगा बल्कि यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को भी बेहतर सुविधाएं प्राप्त होंगी।
धमतरी पॉलिटेक्निक का गौरवशाली सफ़र
धमतरी पॉलिटेक्निक का इतिहास अपने आप में गौरवशाली रहा है। 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद जब देश में तकनीकी रूप से प्रशिक्षित लोगों की कमी महसूस हुई, तब केंद्र सरकार ने “खुले द्वार की नीति” अपनाई और देशभर में तकनीकी संस्थानों की स्थापना शुरू की। इसी कड़ी में धमतरी के प्रबुद्ध नागरिकों — भोपाल राव पवार, हनुमान प्रसाद मिश्रा, सेठ चौथमल अग्रवाल, सेठ केशरीमल लुंकड़ और ओपी कुमरा ने मिलकर धमतरी पॉलिटेक्निक सोसायटी की स्थापना में अहम भूमिका निभाई।
17 नवंबर 1961 को तत्कालीन केंद्रीय मंत्री प्रो. हुमायूँ कबीर ने इस संस्थान की आधारशिला रखी। शुरुआती दौर में यह कॉलेज धमतरी रेलवे स्टेशन के पास संचालित हुआ। पहले प्राचार्य श्री एस.एन. अवस्थी की देखरेख में भवन निर्माण, उपकरणों की खरीद और विद्यार्थियों के प्रवेश की प्रक्रिया पूरी हुई। प्रारंभ में यहां सिविल, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू हुए थे।
1984 में इसका नाम शासकीय पॉलिटेक्निक रुद्री और 2003 में छत्तीसगढ़ सरकार ने इसे भोपाल राव पवार शासकीय पॉलिटेक्निक, रुद्री धमतरी नाम दिया। वर्तमान में यह संस्थान कंप्यूटर साइंस और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं दूरसंचार सहित पाँच विषयों में डिप्लोमा कोर्स प्रदान कर रहा है और तकनीकी शिक्षा का मजबूत स्तंभ बना हुआ है।

अब भवन और आवास के लिए 11 करोड़ की स्वीकृति मिलने से छात्रों को और बेहतर शैक्षणिक वातावरण मिलेगा। इस उपलब्धि का श्रेय रामू रोहरा को जाता है, जिनकी मेहनत ने इस ऐतिहासिक कदम को संभव बनाया। धमतरीवासी इस निर्णय को शिक्षा जगत में मील का पत्थर मान रहे हैं और इसे जिले की आने वाली पीढ़ियों के लिए अमूल्य सौगात बता रहे हैं।
