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धमतरी

पराली न जलाने किसानों से अपील — भारतीय किसान संघ जिलाध्यक्ष लालाराम चंद्राकर

धमतरी/ धमतरी जिले में धान कटाई का कार्य प्रारंभ हो चुका है। कटाई के बाद खेतों में बची पराली को किसान अक्सर आग लगा देते हैं, जबकि इससे भूमि की उर्वरता, पर्यावरण और जनस्वास्थ्य पर गंभीर दुष्प्रभाव पड़ते हैं। इसी विषय पर भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष  लालाराम चंद्राकर ने किसान भाइयों से खेतों में पराली न जलाने की महत्वपूर्ण अपील की है। यह अपील उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान के साथ-साथ सोशल मीडिया के माध्यम से भी जारी की है।

पराली जलाने से होने वाले दुष्प्रभाव

पराली जलाने से मिट्टी की उर्वरता कम होती है, लाभकारी कीट नष्ट होते हैं और वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ता है। एक टन धान पराली जलाने से बड़ी मात्रा में कार्बन, कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड तथा राख वायुमंडल में फैलती है, जिससे आँखों में जलन, सांस संबंधी रोग और पर्यावरण प्रदूषण की समस्या बढ़ती है।
विशेषज्ञों के अनुसार पराली जलाने से मिट्टी में मौजूद नाइट्रोजन, सल्फर और अन्य पोषक तत्वों की भारी हानि होती है, जिससे अगली फसल की पैदावार प्रभावित होती है।

कानूनी प्रावधान एवं आर्थिक दंड

आवास एवं पर्यावरण विभाग द्वारा वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा 19(5) के अंतर्गत फसल अवशेष जलाना प्रतिबंधित है।
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के निर्देशानुसार पराली जलाने पर निम्नानुसार आर्थिक दंड का प्रावधान है—
• 2 एकड़ से कम भूमि: ₹2,500
• 2 से 5 एकड़ भूमि: ₹5,000
• 5 एकड़ से अधिक भूमि: ₹15,000

पराली का उपयोग एवं किसान हित में सुझाव

चंद्राकर ने कहा कि जिले के अधिकांश ग्रामों में गौठान एवं गौशालाएं स्थापित हैं, जहाँ किसान पराली दान कर सकते हैं। इससे खुले में घूम रहे पशुओं एवं गौठान के मवेशियों के लिए चारे की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
किसानों को यह भी सलाह दी गई कि पराली को काटकर बेचने से अतिरिक्त आमदनी प्राप्त की जा सकती है। यह न केवल पर्यावरण संरक्षण में सहायक होगा बल्कि कृषि से जुड़ी आर्थिक संभावनाओं को भी बढ़ाएगा।
किसानों के नाम जिलाध्यक्ष की अपील
जिलाध्यक्ष  लालाराम चंद्राकर ने कहा—
“पराली जलाना पर्यावरण, पशुपालन और कृषि—सभी के लिए हानिकारक है। यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दें। पराली न जलाएं, गौठानों को सहयोग दें और स्वच्छ वातावरण बनाए रखने में सहभागी बनें|
भारतीय किसान संघ, धमतरी जिले की ओर से सभी किसान भाईयों से आपसी सहयोग बढ़ाने एवं पर्यावरण बचाने का अनुरोध किया गया है।

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