निराश्रित और घुमंतू पशुओं के संरक्षण हेतु प्रभावी रणनीति पर मंथन
धमतरी/ कलेक्टर कार्यालय सभाकक्ष में बीते सोमवार को जिला एवं विकासखण्ड स्तरीय गौधाम समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। बैठक में गौधाम योजना के बेहतर क्रियान्वयन, निराश्रित एवं घुमंतू पशुओं के संरक्षण और आधुनिक गौधामों की स्थापना पर विस्तृत चर्चा की गई।
बैठक में अध्यक्ष जिला पंचायत अरुण सार्वा ने कहा कि शासन की महत्वाकांक्षी गौधाम योजना के तहत अधिक से अधिक आवेदन तैयार किए जाएं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि घुमंतू व बेसहारा पशुओं को सुरक्षित आश्रय व संरक्षण मिले। वास्तविक अर्थों में गोसेवा का विस्तार ही योजना का प्रमुख लक्ष्य है।
कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चयनित गौठानों के साथ-साथ सड़क दुर्घटना संभावित क्षेत्रों के ऐसे गौठानों का चयन किया जाए, जहां पर्याप्त भूमि, पेयजल, बिजली और हरे चारे की उपलब्धता हो। इससे किसी भी पशु को असुविधा न हो और उनके पुनर्वास की प्रक्रिया सुचारू रहे।

छत्तीसगढ़ राज्य गौसेवा आयोग की जिला समिति के अध्यक्ष हेमराज सोनी ने योजना के मूल उद्देश्य बताए। उन्होंने कहा कि निराश्रित और घुमंतू पशुओं को आश्रय देना, गौ-उत्पादों के माध्यम से ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराना और समाज में गोसेवा के प्रति जनजागरूकता बढ़ाना योजना की प्राथमिकता है।
पशुधन विभाग के अतिरिक्त उपसंचालक डॉ. टी.आर. वर्मा ने नस्ल सुधार पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि ग्रामों के सांडों का बधियाकरण आवश्यक है, जिससे कृत्रिम गर्भाधान को बढ़ावा मिलेगा। उन्नत नस्ल के हिमीकृत लिंग वर्गीकृत वीर्य के उपयोग से दुग्ध उत्पादन बढ़ने की संभावनाएं भी साझा कीं।
डॉ. मरकाम ने बताया कि जिले में इच्छुक संस्थाओं से गौधाम संचालन हेतु आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। प्रथम चरण में राष्ट्रीय राजमार्ग के आसपास के ग्रामों में गौधाम स्थापित किए जाएंगे। इन केंद्रों में निराश्रित, घुमंतू और जप्त पशुओं का वैज्ञानिक पद्धति से संरक्षण, चिकित्सा व पुनर्वास किया जाएगा। दुर्घटना में घायल व कमजोर पशुओं की देखरेख भी प्राथमिकता में होगी।
पशु चिकित्सक सहायक शल्यज्ञ प्रमोद कुमार ने सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया ।
