धमतरी/एसपी सूरज सिंह परिहार के सख्त निर्देश पर धमतरी पुलिस ने रत्नाबांधा रोड स्थित राठौर निवास में फर्जी इनकम टैक्स अधिकारी बनकर छापेमारी करने वाले अंतर्राज्यीय संगठित गिरोह का पर्दाफाश कर बड़ी सफलता हासिल की है। इस सनसनीखेज मामले में पुलिस ने अलग-अलग टीमों का गठन कर सायबर तकनीकी विश्लेषण और लगातार पतासाजी के बाद कुल 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है।
मामला थाना सिटी कोतवाली क्षेत्र का है, जहां 17 नवंबर 2025 को 6–7 लोग स्वयं को इनकम टैक्स विभाग का अधिकारी बताकर बिना पहचान पत्र और बिना वैध तलाशी वारंट के रत्नाबांधा रोड स्थित एक डॉक्टर के घर में जबरन घुस गए थे। आरोपियों ने करीब ढाई घंटे तक घर के सभी कमरों, दराजों, आलमारियों और लॉकर की तलाशी ली और परिजनों को बाहर निकलने से रोके रखा। तलाशी में कुछ न मिलने पर आरोपी दो कारों में बैठकर फरार हो गए।
पीड़ित दिलीप राठौर की शिकायत पर थाना सिटी कोतवाली में अपराध क्रमांक 327/25 दर्ज कर विवेचना शुरू की गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी के निर्देशन में गठित विशेष टीमों ने सायबर सेल के सहयोग से तकनीकी साक्ष्यों का विश्लेषण किया। जांच के दौरान आरोपियों के नागपुर (महाराष्ट्र), रायपुर, दुर्ग, बालोद और दल्लीराजहरा तक नेटवर्क फैले होने की जानकारी सामने आई। निरंतर दबिश और तकनीकी इनपुट के आधार पर सभी आरोपियों को अभिरक्षा में लेकर धमतरी लाया गया।
पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि उन्हें घर में 200 करोड़ रुपये रखे होने की सूचना मिली थी। इसी लालच में उन्होंने फर्जी इनकम टैक्स टीम बनाकर सुनियोजित तरीके से घटना को अंजाम दिया। प्रकरण में प्रयुक्त चारपहिया वाहन, मोबाइल फोन और नकदी रखने के लिए इस्तेमाल की गई जूट बोरी को पुलिस ने विधिवत जप्त किया है।
धमतरी पुलिस ने आमजन से अपील की है कि किसी भी सरकारी विभाग के अधिकारी द्वारा की जाने वाली कार्रवाई के दौरान पहचान पत्र और वैध आदेश/वारंट की अनिवार्य जांच करें तथा किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल पुलिस को दें। यह कार्रवाई न केवल पुलिस की सतर्कता को दर्शाती है, बल्कि अपराधियों के लिए कड़ा संदेश भी है कि कानून से बच पाना अब आसान नहीं।
