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धमतरी

मजदूरी से मशरूम तक और अब सीएससी संचालक —‘लखपति दीदी’ बनीं सारंगपुरी की मधु कंवर

धमतरी/कभी दूसरों के खेतों में मजदूरी करने वाली सारंगपुरी पंचायत की  मधु कंवर आज पूरे क्षेत्र में “लखपति दीदी” के नाम से जानी जाती हैं। मेहनत, संघर्ष और शासन की योजनाओं के सहयोग ने उनके जीवन में नई रोशनी भर दी है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के सुशासन में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) से जुड़कर मधु ने अपनी जिंदगी की दिशा ही बदल दी।

डिजिटल इंडिया की ग्रामीण मिसाल

मधु कंवर आज अपने गांव में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) का संचालन कर रही हैं, जहाँ ग्रामीणों को आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र, विवाह पंजीयन, बिजली बिल भुगतान, आधार कार्ड, श्रम कार्ड और आयुष्मान कार्ड जैसी ई-गवर्नेंस सेवाएं रियायती दरों पर मिल रही हैं।इससे उन्हें प्रतिमाह 10 से 12 हजार रुपये की स्थायी आमदनी हो रही है और आसपास के कई गांवों के लोग अब सरकारी सेवाओं का लाभ गांव में ही पा रहे हैं।

संघर्ष से आत्मनिर्भरता तक

मधु बताती हैं कभी परिवार की हालत इतनी खराब थी कि बच्चों की पढ़ाई तक मुश्किल हो गई थी। लेकिन आजीविका मिशन से जुड़ने के बाद आत्मविश्वास और दिशा दोनों मिले।

जय माँ कर्मा महिला स्व-सहायता समूह से जुड़कर मधु ने धान खरीदी-बिक्री, मशरूम उत्पादन और छोटे स्वरोजगारों के जरिए अपनी आमदनी बढ़ाई। फिर समूह के माध्यम से लोन लेकर उन्होंने घर में ही कॉमन सर्विस सेंटर शुरू किया, जो आज उनकी पहचान बन गया है।

 महिलाओं के लिए प्रेरणा बनीं मधु

मधु और उनके समूह की महिलाएं अब मोमबत्ती निर्माण, केक बनाना, मछली पालन, मशरूम उत्पादन और बैंक सखी जैसे कार्यों से भी जुड़ी हैं। इन गतिविधियों से न केवल उनकी आय बढ़ी है, बल्कि आत्मनिर्भरता की भावना भी मजबूत हुई है।

शासन की योजनाओं से निखर रही हैं ग्रामीण प्रतिभाएं

मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। मधु कंवर जैसी महिलाएं आज यह साबित कर रही हैं कि अवसर और मार्गदर्शन मिले तो गांव की महिलाएं भी अपने दम पर सफलता की नई कहानियाँ लिख सकती हैं।

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