धमतरी/ रेलवे परियोजना से प्रभावित परिवारों की अत्यंत गंभीर स्थिति को देखते हुए नगर निगम के विपक्षी कांग्रेसी पार्षदों ने मौके पर पहुँचकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की एवं उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुना। पीड़ित परिवारों ने बताया कि शासन-प्रशासन द्वारा उनके लिए अब तक किसी भी प्रकार की वैकल्पिक विस्थापन व्यवस्था नहीं की गई है। न तो कोई जिम्मेदार अधिकारी और न ही कोई जनप्रतिनिधि उनकी सुध लेने पहुँचा है।
इस गंभीर परिस्थिति को देखते हुए नगर निगम के उपनेता प्रतिपक्ष सत्येन्द्र देवांगन (विशु) ने कहा कि बिना किसी वैकल्पिक पुनर्वास व्यवस्था के गरीब परिवारों को बेघर किया जाना निंदनीय ही नहीं, बल्कि अमानवीय भी है। कड़ाके की ठंड के इस मौसम में, जब तापमान वर्ष के न्यूनतम स्तर पर है, ऐसे समय में गरीबों के सिर से छत छीन लेना प्रशासन की संवेदनहीनता को दर्शाता है।
पार्षद पूर्णिमा रजक ने कहा कि पीड़ित परिवार आज बिना छत, भोजन, पानी एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं के जीवन यापन करने को मजबूर हैं। 15 दिनों से अधिक समय बीत जाने के बावजूद शासन-प्रशासन द्वारा कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है, जो सरकार की जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
पार्षद सूरज गहरवाल ने कहा कि सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधि आंखों पर पट्टी बांधकर बैठे हैं और गरीब एवं पीड़ित परिवारों की पीड़ा को लगातार अनदेखा कर रहे हैं।
विपक्षी पार्षदों ने एक स्वर में मांग की कि प्रभावित परिवारों को तत्काल सुरक्षित आवास, भोजन, पेयजल एवं अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। यदि शीघ्र ही उचित व्यवस्था नहीं की गई, तो विपक्षी पार्षद पीड़ित परिवारों के साथ मिलकर उनके हक और अधिकार की लड़ाई सड़कों से लेकर हर स्तर तक लड़ेंगे।
इस मौके पर पर पार्षद उमा भागी ध्रुव, रामेश्वरी कोसरे ,पूर्व पार्षद सोमेश मेश्राम ,गजानंद रजक,हीरौंदी बाई, मधु यादव, ज्योति कोसारिया, जौहरी मंडावी, गंगा मंडावी, बिजना बाई ,सुमित्रा बाई उपस्थित रहे ।
