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धमतरी

बच्चों के समग्र विकास पर फोकसः कलेक्टर ने आश्रम-छात्रावास व्यवस्था की विस्तृत समीक्षा की

 

आश्रमों में बेहतर शिक्षा और सुरक्षा प्राथमिकताःउत्कृष्ट व्यवस्था के लिए अधीक्षिकाएँ सम्मानित

धमतरी / कलेक्टर  अबिनाश मिश्रा की अध्यक्षता में बीते दिन कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आश्रम-छात्रावास अधीक्षकों की महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न हुई। बैठक का मुख्य उद्देश्य आश्रमों में निवासरत विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण, सुरक्षित सुविधाएँ और परिवार जैसा स्नेहपूर्ण माहौल उपलब्ध कराना था। कलेक्टर ने अधीक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चे राष्ट्र का भविष्य हैं, इसलिए उनके संपूर्ण व्यक्तित्व विकास के लिए सभी अधीक्षक अपनी जिम्मेदारी को संवेदनशीलता और समर्पण के साथ निभाएँ।
बैठक के दौरान जिला कलेक्टर ने आश्रम-छात्रावासों में उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने स्वास्थ्य परीक्षण की नियमित व्यवस्था, सीसीटीवी कैमरों की कार्यस्थिति, चौकीदार एवं महिला होमगार्ड की तैनाती सहित सुरक्षा व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। मौसमी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए गर्म कपड़ों और यूनिफॉर्म वितरण की प्रगति की भी जानकारी ली। साथ ही बच्चों के ज्ञानवर्धन और शैक्षणिक विकास हेतु लाइब्रेरी और कंप्यूटर लैब जैसी सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण पर बल दिया।
कलेक्टर  ने आश्रमों में टीवी की व्यवस्था पर भी चर्चा की और कहा कि जिन आश्रमों में टीवी नहीं है, वहां शीघ्र स्थापना की जाएगी, ताकि बच्चे देश-दुनिया की जानकारी से अवगत हो सकें। स्मार्ट कंप्यूटर लैब की समीक्षा करते हुए उन्होंने बच्चों को बेसिक कंप्यूटर कोर्स की ट्रेनिंग देने हेतु अधीक्षकों को निर्देशित किया, जिससे उनकी तकनीकी दक्षता बढ़ सके। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा चयनित अधीक्षकों को आईएएम में एक सप्ताह का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे उनकी कार्यकुशलता और प्रबंधन क्षमता में वृद्धि होगी।
बैठक में भोथापारा और सलोनी आश्रमों की अधीक्षिकाओं को उत्कृष्ट व्यवस्था और छात्रों को उत्तम सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर डिप्टी कलेक्टर डॉ. कल्पना ध्रुव, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्री विमल साहू सहित सभी आश्रम-छात्रावास अधीक्षक उपस्थित रहे।

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