धर्म, साहस और भक्ति का संगम — यही हैं खाटू श्याम बाबा।
आज, 1 नवंबर, बाबा के जन्मोत्सव पर देशभर में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है।
सुबह से ही श्याम मंदिरों में “जय श्री श्याम” की गूंज है, भजन-कीर्तन, भंडारा और आरती से पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा है।
बार्बरीक से श्याम तक — एक अमर कथा
खाटू श्याम बाबा, महाभारत काल के वीर योद्धा बार्बरीक हैं — जो भीम के पौत्र और घटोत्कच के पुत्र थे।
बाल्यावस्था से ही उन्होंने ऐसा पराक्रम दिखाया कि देवता भी उनकी वीरता देखकर विस्मित हो उठे।
उनके पास था — तीन अमोघ बाण, और एक धनुष जो उन्हें देवताओं से प्राप्त हुआ था।
उन तीन बाणों की अद्भुत शक्ति थी —
1️⃣ पहला बाण हर उस शत्रु को चिह्नित करता, जिसे नष्ट करना है।
2️⃣ दूसरा बाण सभी निशानों को नष्ट कर देता।
3️⃣ तीसरा बाण उन सभी वस्तुओं को बचा लेता, जिन्हें सुरक्षित रखना है।
कहा जाता है कि इन तीन बाणों से बार्बरीक अकेले ही पूरी सेना का अंत कर सकते थे।
कुरुक्षेत्र का वह संवाद जिसने इतिहास बदल दिया
महाभारत युद्ध से पूर्व जब बार्बरीक युद्धभूमि पर पहुँचे,
तो श्रीकृष्ण ने उनसे पूछा —
“हे वीर, तुम युद्ध में किसका पक्ष लोगे?”
बार्बरीक बोले —
“मुझे जहाँ अन्याय दिखेगा, मैं हमेशा हारने वालों का साथ दूँगा।”
यह सुनकर श्रीकृष्ण मुस्कुराए, परंतु समझ गए कि यदि बार्बरीक युद्ध में उतरेंगे, तो हर पक्ष बारी-बारी से हारता रहेगा, और युद्ध कभी समाप्त नहीं होगा।
इसलिए उन्होंने एक याचक ब्राह्मण का रूप धारण कर उनसे दान में उनका शीश माँगा।
बार्बरीक ने बिना एक क्षण सोचे अपना सिर श्रीकृष्ण को अर्पित कर दिया।
श्रीकृष्ण ने प्रसन्न होकर आशीर्वाद दिया —
“तुम्हारा शीश युद्ध देखेगा, और कलयुग में तुम्हारी पूजा मेरे नाम ‘श्याम’ से होगी।”
तीन बाण: जीवन का प्रतीक
बाबा के तीन बाण केवल शस्त्र नहीं, बल्कि जीवन का संदेश हैं —
पहला बाण: बुराइयों को पहचानो।
दूसरा बाण: उन्हें समाप्त करो।
तीसरा बाण: अच्छाई को सुरक्षित रखो।
इसीलिए कहा जाता है —
“तीन बाणों से जिसने जीवन चलाना सीख लिया,
उसके जीवन में कभी हार नहीं आती।”
देशभर में मना श्रद्धा का महापर्व
आज बाबा श्याम का जन्मोत्सव हर श्याम मंदिर, हर हृदय में मनाया जा रहा है।
सुबह से श्रृंगार, आरती, पुष्पवर्षा, और रात्रि जागरण का माहौल है।
भक्तों ने बाबा के दरबार को फूलों, दीपों और भजनों से सजा दिया है।
कई जगहों पर बाबा की झांकी यात्रा और भंडारा का आयोजन हुआ।
कलयुग के कृष्ण
खाटू श्याम बाबा को “कलयुग के कृष्ण” कहा जाता है।
वे उस शक्ति का प्रतीक हैं जो निस्वार्थ त्याग और सच्चे भक्ति भाव से जन्म लेती है। उनकी कथा सिखाती है कि सच्चा भक्त वह है, जो अपना सर्वस्व ईश्वर को समर्पित कर दे।
आज जब लाखों भक्त “जय श्री श्याम” के जयघोष के साथ दीप प्रज्वलित कर रहे हैं,
हर मन यही कह रहा है —
“हे श्याम, तुम्हारे तीन बाण हमारे जीवन से हर दुख, हर अंधकार दूर करें।”
बाबा का यह जन्मोत्सव केवल उत्सव नहीं, बल्कि आस्था का पुनर्जन्म है —
एक बार फिर विश्वास जगाने का,
कि जब मन सच्चा हो, तो श्याम स्वयं आगे बढ़कर रक्षा करते हैं।
“तीन बाणों वाला मेरा श्याम,
भक्तों के दुख हर लेता हर शाम।”
जय श्री श्याम!
