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धमतरीपुलिस विभाग

रक्षित केन्द्र रूद्री में आयोजित “पुलिस स्मृति दिवस” पर अमर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित – शौर्य, त्याग और कर्तव्यनिष्ठा को किया गया नमन

एसपी. धमतरी  सूरज सिंह परिहार ने शहीद जवानों के नामों का वाचन कर उनके अदम्य साहस, अमर बलिदान और देशभक्ति को किया सलाम

धमतरी/रक्षित केन्द्र रूद्री, धमतरी में आज “पुलिस स्मृति दिवस” के अवसर पर भावनात्मक एवं सम्मानपूर्ण समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अमर शहीद पुलिस जवानों को श्रद्धासुमन अर्पित कर उनके अमर बलिदान को नमन किया गया। पुलिस अधीक्षक धमतरी सूरज सिंह परिहार ने शहीदों के नामों का वाचन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की तथा कहा कि “पुलिस जवानों का त्याग, समर्पण और बलिदान देश की सुरक्षा और नागरिकों की शांति के प्रति सर्वोच्च उदाहरण है। हमें गर्व है कि हम ऐसे शूरवीरों की परंपरा के उत्तराधिकारी हैं।”

इसके पश्चात रक्षित निरीक्षक  दीपक शर्मा के नेतृत्व में पुलिस जवानों द्वारा शोक शस्त्र के साथ शहीद परेड कर सलामी दी गई। इस दौरान उपस्थित सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने मौन रखकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

शौर्य का प्रतीक दिवस – 191 शहीद जवानों को किया गया स्मरण
विदित हो कि 21 अक्टूबर 1959 को लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में चीनी सैनिकों के हमले में शहीद हुए 10 पुलिस वीरों की स्मृति में यह दिवस पूरे देश में “पुलिस स्मृति दिवस” के रूप में मनाया जाता है।
आज के अवसर पर दिनांक 01 सितम्बर 2024 से 31 अगस्त 2025 तक देशभर में शहीद हुए 191 वीर पुलिस जवानों सहित जिले के शहीद जवानों को भी ससम्मान याद किया गया।

श्रद्धांजलि एवं परिजनों से भेंट-:
समारोह में कलेक्टर धमतरी  अबिनाश मिश्रा, पुलिस अधीक्षक  सूरज सिंह परिहार,पूर्व विधायक (बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष) रंजना डिपेन्द्र साहू, महापौर  रामू रोहरा, जनप्रतिनिधिगण, शहीद परिजन, समाजसेवी, वरिष्ठ नागरिक,रिटायर्ड पुलिस व आर्मी अधिकारीगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम के उपरांत कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने शहीद जवानों के परिजनों से भेंट कर उनका हालचाल जाना।कार्यक्रम का संचालन  चंद्रशेखर शर्मा (से.नि. प्राध्यापक) द्वारा किया गया। समारोह के अंत में सभी अतिथियों ने शहीद स्मारक पर पुष्प अर्पित कर उन अमर वीरों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर देश और समाज की सुरक्षा को सुनिश्चित किया।

“शहीदों के चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा…”

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