धमतरी / शांति, सादगी और सौहार्द का प्रतीक रहा यह शहर, आज विकास की तेज़ रफ्तार में आगे बढ़ रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार और उद्योग के क्षेत्र में लगातार विस्तार हो रहा है। परंतु सवाल यह है — क्या शहर की वर्तमान सीमाएं इस बढ़ते बोझ को संभाल पा रही हैं? क्या आज का धमतरी कल की जरूरतों के लिए तैयार है?
अब वक्त आ गया है कि धमतरी की नगर सीमा को बढ़ाया जाए, ताकि विकास का दायरा सीमाओं से बाहर न छूटे !
🔸 सीमित सीमा, असीमित समस्या
वर्तमान नगर सीमा में जनसंख्या और आर्थिक गतिविधियों की तुलना में स्थान बेहद सीमित है। शहर के चारों दिशाओं में तेजी से बस्तियां बढ़ रही हैं — रुद्री रोड, अर्जुनी मार्ग, श्याम तराई, रत्ना बांध, एवं अन्य अब शहरी स्वरूप ले चुके हैं। लेकिन प्रशासनिक दृष्टि से वे अभी भी “ग्राम क्षेत्र” कहलाते हैं, जिससे वहां की समस्याएं नगर निगम की योजना से बाहर रह जाती हैं — न सड़कें पूरी, न जल निकासी का ढांचा, न स्वच्छता की नियमित व्यवस्था।
🔸 विकास का संतुलन जरूरी
जब शहर का केंद्र आधुनिक हो रहा हो और बाहरी क्षेत्र अव्यवस्थित रहें, तो विकास का संतुलन बिगड़ जाता है। यदि इन्हें नगर निगम की सीमा में शामिल किया जाए, तो एकीकृत योजना के तहत सड़क, प्रकाश, जलापूर्ति और स्वच्छता के साथ-साथ बेहतर ट्रैफिक प्रबंधन और हरित क्षेत्र की योजना लागू की जा सकती है। इससे धमतरी केवल विस्तार नहीं करेगा — बल्कि “संगठित विकास” का उदाहरण बनेगा।
🔸 नागरिकों का लाभ, शहर का उत्थान
सीमा विस्तार के बाद आसपास के क्षेत्रों को निगम की योजनाओं का लाभ मिलेगा — स्मार्ट लाइटिंग, कचरा प्रबंधन, सीसीटीवी निगरानी, पार्कों का विकास और व्यापारिक लाइसेंस की सरल प्रक्रिया। इससे निवेशकों का रुझान भी बढ़ेगा, जिससे रोजगार और व्यापार के अवसरों में वृद्धि होगी।
🔸 प्रशासनिक दृष्टि से दूरदर्शी कदम
सीमा विस्तार केवल भूमि का जोड़ नहीं, बल्कि भविष्य की तैयारी है। जब आबादी अगले 10 वर्षों में दोगुनी हो सकती है, तो वर्तमान सीमाओं में कैद रहना अव्यवहारिक होगा। बेहतर नगर नियोजन, नई सड़कों का नेटवर्क, औद्योगिक क्षेत्रों के लिए ज़ोनिंग और पर्यावरणीय संतुलन तभी संभव है जब शहर अपने भौगोलिक घेरे को बड़ा करे।
धमतरी को आगे बढ़ना है तो सीमाओं से परे सोचना होगा। नगर निगम, प्रशासन और नागरिक समाज को मिलकर यह विजन तय करना चाहिए कि धमतरी को अगले 25 वर्षों में किस स्वरूप में देखना है। यह शहर न केवल छत्तीसगढ़ की पहचान है, बल्कि अपने आप में संभावनाओं का केंद्र भी।
यदि आज हमने सीमाएं बढ़ाने का साहसिक निर्णय लिया, तो आने वाला कल धमतरी को एक “सुसंगठित, सुंदर और सतत विकसित शहर” के रूप में याद करेगा।
यह केवल नक्शे का विस्तार नहीं — धमतरी के भविष्य का निर्माण है।
