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“लौह पुरुष का लोहा—जिसने बिखरे भारत को जोड़ा”

– सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती पर विशेष लेख, इंडियन जागरण की ओर से

आज, जब हम भारत के हर कोने में एक झंडे, एक संविधान और एक पहचान के साथ गर्व से खड़े हैं, तो हमें उस शख़्स को याद करना चाहिए जिसकी दूरदृष्टि, दृढ़ निश्चय और अडिग इच्छाशक्ति ने इस एकता की नींव रखी — सरदार वल्लभभाई पटेल।
आजादी के बाद जब भारत सैकड़ों रियासतों में बिखरा हुआ था, तब यह लौह पुरुष ही थे जिन्होंने देश को “खंडों का संग्रह” से “एक अखंड राष्ट्र” में रूपांतरित किया।

लोहा उनकी देह में नहीं, उनके इरादों में था

सरदार पटेल ने जब करीब 562 रियासतों के राजाओं को भारत में विलय करने का बीड़ा उठाया, तो यह केवल राजनीतिक कौशल नहीं बल्कि राष्ट्रभक्ति का अद्भुत उदाहरण था। वे जानते थे कि स्वतंत्रता का अर्थ केवल अंग्रेज़ों से मुक्ति नहीं, बल्कि हर कोने को भारत की आत्मा से जोड़ना है।
हैदराबाद से लेकर जूनागढ़ और कश्मीर तक, जहां-जहां विभाजन के बाद अनिश्चितता थी, वहां पटेल की कठोरता और कूटनीति ने रास्ता बनाया। उन्होंने कहा था — “हमारा सपना तब तक अधूरा है जब तक हर इंच जमीन भारत माता की गोद में नहीं आ जाता।”

देश के हर इंच को जोड़ने वाला लौह संकल्प

अगर जवाहरलाल नेहरू भारत के भावनात्मक हृदय थे, तो पटेल उसकी मज़बूत रीढ़। उन्होंने देश की प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत करते हुए भारतीय सिविल सेवा (IAS) और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) जैसी संस्थाओं को संरक्षित किया।
उन्होंने चेतावनी दी थी — “अगर प्रशासनिक ढांचा कमजोर होगा, तो आज़ादी भी टिक नहीं पाएगी।”
यही कारण है कि आज भी, देश की हर प्रशासनिक इकाई में उनके विचारों की छाप साफ दिखाई देती है।

अखंडता की प्रतिमा — सरदार पटेल का आधुनिक प्रतीक

गुजरात के नर्मदा किनारे स्थित ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ केवल दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा नहीं है, बल्कि यह भारत की एकता, अखंडता और स्वाभिमान का प्रतीक है।
यह उस विचार की प्रतिध्वनि है, जो पटेल ने 1947 में बोया था — कि भारत “विविधता में एकता” नहीं, बल्कि “एकता में विविधता” का सबसे सुंदर उदाहरण है।

आज के भारत के लिए प्रेरणा

आज जब देश नित नए बदलावों के दौर से गुजर रहा है — तकनीक, राजनीति, समाज और सोच के स्तर पर — तब पटेल के विचार पहले से अधिक प्रासंगिक हैं।
उनका कहना था — “हमारी एकता हमारी ताकत है, हमारी असहमति हमारी कमजोरी।”
आज जरूरत है उस लौह संकल्प को दोबारा याद करने की, जो जाति, धर्म या भाषा से ऊपर उठकर “भारत प्रथम” का मंत्र देता है।

इंडियन जागरण की ओर से कोटि कोटि प्रणाम

इंडियन जागरण सरदार पटेल की जयंती पर उन्हें नमन करता है — उस महामानव को जिसने “अखंड भारत” का सपना देखा, और उसे अपने कर्मों से साकार कर दिखाया।
हमारे लिए सरदार पटेल केवल इतिहास का एक अध्याय नहीं, बल्कि राष्ट्रनिर्माण की निरंतर प्रेरणा हैं।
उनकी विरासत हमें याद दिलाती है कि एक मजबूत भारत केवल भाषणों से नहीं, बल्कि एकजुट प्रयासों से बनता है।

🕊️ नमन उस लौह पुरुष को, जिसने इस मिट्टी को अखंडता का अर्थ सिखाया।
🇮🇳 इंडियन जागरण परिवार की ओर से, सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती पर कोटि-कोटि नमन

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