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धमतरी

लखपति ‘गरीबों’ पर प्रशासन की सर्जिकल स्ट्राइक, 13,500 किसानों के कार्ड निरस्त करने की तैयारी

धमतरी। राज्य में धान खरीदी का सीजन नवंबर महीने से शुरू होने वाला है, लेकिन खरीदी के पहले ही प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि जिन किसानों ने 5 एकड़ से अधिक रकबे में धान बेचा है, उन्हें बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) सूची से हटाया जाएगा। जिले में बीते वर्ष अकड़ा के मुताबित कुल 1,21,000 किसानों ने धान बेचा था, जिनमें से लगभग 13,500 किसान ऐसे पाए गए हैं जिन्होंने 5 एकड़ से अधिक भूमि में धान की बिक्री की थी। इन किसानों का चिन्हांकन किया जा चुका है और अब उनका सत्यापन पटवारी एवं तहसीलदारों के माध्यम से तेजी से कराया जा रहा है।

जानकारी के अनुसार, सत्यापन के उपरांत इन किसानों के बीपीएल राशन कार्ड निरस्त करने की कार्रवाई ऑनलाइन माध्यम से की जाएगी। शासन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी योजनाओं का लाभ केवल वास्तविक पात्रों तक पहुंचे। धान खरीदी से पहले यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है ताकि अमीर और सक्षम वर्ग को गरीबों के हिस्से का अनाज न मिल सके।

*आय ₹6 लाख से अधिक, फिर भी उठा रहे थे मुफ्त चावल का लाभ*
इधर प्रशासन ने उन लोगों पर भी सख्ती दिखाई है जो गलत तरीके से सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे थे। हाल ही में जिले में लगभग 1000 से अधिक लोगों के राशन कार्ड निरस्त किए गए हैं। जांच में पाया गया कि इनमें से कई परिवार ऐसे हैं जिनकी वार्षिक आय ₹6 लाख से अधिक है और कुछ के व्यवसाय का टर्नओवर 25 लाख रुपये से ऊपर पाया गया।

इन लोगों के पास खुद के मकान, वाहन और पर्याप्त आय स्रोत मौजूद थे, फिर भी वे सरकारी दुकान से मुफ्त या सस्ते दर पर चावल प्राप्त कर रहे थे। अब ऐसे सभी लोगों के कार्ड स्थायी रूप से रद्द कर दिए गए हैं, ताकि वास्तविक जरूरतमंदों को योजनाओं का लाभ मिल सके।

सरकार का स्पष्ट संदेश – पात्रों को ही मिलेगा लाभ
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, यह अभियान आगे भी जारी रहेगा, जो पात्र हैं उन्हें पूरा लाभ मिलेगा, लेकिन जो गलत जानकारी देकर फायदा उठाते हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई निश्चित है।

धान खरीदी से पहले यह कदम शासन की पारदर्शी नीतियों की दिशा में एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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